इतने में किसी ने मुझ पर पानी फेंका, मैं नींद से उठा और सोचा "शुक्र है ये तो सपना था। इतने में किसी ने मुझ पर पानी फेंका, मैं नींद से उठा और सोचा "शुक्र है ये तो सपना...
उन दिनों, यानि आज से करीब ६० साल पहले, गणेश चतुर्थी के पर्व को, लोक भाषा में, लोग डंडा चौथ के रूप मे... उन दिनों, यानि आज से करीब ६० साल पहले, गणेश चतुर्थी के पर्व को, लोक भाषा में, लो...
लेकिन मुझे अब कोई लाज नहीं आई थी क्योंकि मेरे साथ सुशांत थे। लेकिन मुझे अब कोई लाज नहीं आई थी क्योंकि मेरे साथ सुशांत थे।
सुरेश ने ज़ब कहा तबसे श्रुति ने खुद को कभी कम नहीँ समझा। सुरेश ने ज़ब कहा तबसे श्रुति ने खुद को कभी कम नहीँ समझा।
ऐसा प्रियंका नें क्या देखा कि स्तब्ध रह गई ? ऐसा प्रियंका नें क्या देखा कि स्तब्ध रह गई ?
खुद के लिए ना सही कम से कम अपने परिवार के लिए। खुद के लिए ना सही कम से कम अपने परिवार के लिए।